बनकर एक आज़ाद पंछी आसमान मे उडती जाऊं
चाहत के मैं पंख लगाकर संग घटा के बहती जाऊं
लहर बनकर मैं भी आशा की लहराती जाऊं लहराती जा ऊं
है छोटी सी ख्वाहिश मेरी .. .. और छोटा सा सपना ...
लहर बनकर मैं भी आशा की लहराती जाऊं लहराती जा
है छोटी सी ख्वाहिश मेरी ..
हर दिल में बस जाऊं ऐसे जैसे हो मेरा अपना .....
शीतल जल की धरा बनकर हर दिल से नफरत को मिटाऊं
झोंका बनकर मस्त हवा का डगर डगर खुशियाँ बिखराउन
आँचल बन मै भी ममता का एक नया कुटुंब बनाऊं
है छोटी सी ख्वाहिश मेरी... एक जहां अपना बनाऊं
गुलशन बन मैं भी आशा का.. हर जन की बघिया महकाऊं .
झोंका बनकर मस्त हवा का डगर डगर खुशियाँ बिखराउन
आँचल बन मै भी ममता का एक नया कुटुंब बनाऊं
है छोटी सी ख्वाहिश मेरी... एक जहां अपना बनाऊं
गुलशन बन मैं भी आशा का.. हर जन की बघिया महकाऊं .
बनकर मैं भी चंदा की चांदनी हर मन को शीतल बनाऊं
बनकर सूरज की लालिमा हर आँगन उज्लाऊं
बनकर मैं भी उम्मीद का दिया हर चेहरे से ग़म को चुराऊं .
है छोटी सी ख्वाहिश मेरी .. .. और छोटा सा सपना ...
बनकर मैं भी उम्मीद का दिया हर चेहरे से ग़म को चुराऊं .
है छोटी सी ख्वाहिश मेरी ..
हर दिल में बस जाऊं ऐसे जैसे हो मेरा अपना
बनकर कोयल की मिठास हर वाणी में घुल जाऊं रेशम की डोरी मैं बनकर हर रिश्ते से बंधती जाऊं
मैं भी बनकर एक अजस्र धरा हर दिल में बस प्रेम जगाऊं
है छोटी सी ख्वाहिश मेरी.... एक जहां अपना बनाऊं...
गुलशन बन मैं भी आशा का हर जन की बघिया महकाऊं
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